2‑Point Starter

DC सीरीज मोटर को स्टार्टर्स से कनेक्शन कैसे करें

नीचे दिया गया चित्र एक दो‑पॉइंट (2‑Point) स्टार्टर में DC सीरीज मोटर के कनेक्शन को दर्शाता है।




1. परिचय

DC सीरीज मोटर में फ़ील्ड विंडिंग और आर्मेचर एक ही धाराएँ में जुड़े होते हैं। जब मोटर स्टार्ट होती है, तो न्यून चुम्बकीय प्रत्यावर्ती प्रतिक्रिया के कारण आरंभिक करंट अत्यधिक बढ़ जाता है। इसे सीमित करने हेतु स्टार्टिंग रेजिस्टेंस स्टार्टर में सीरीज में डाली जाती है।


2. दो‑पॉइंट स्टार्टर (2‑Point Starter)

  • टर्मिनल्स:

    • L (Line): पॉजिटिव स्रोत से इनकमिंग लीड

    • F (Field): सीरीज में जुड़े फ़ील्ड+आर्मेचर कंबाइंड लीड



  • मुख्य अवयव:

    1. कई चरणों में विभाजित स्टार्टिंग रेजिस्टेंस

    2. नो-वोल्टेज कॉयल (NVC) — आपूर्ति कटने पर हैंडल को OFF में खींच लेता है

    3. ओवरलोड रिलीज़ — अधिक करंट पर सर्किट को ट्रिप करता है

    4. स्टार्टर हैंडल — OFF से RUN तक रेजिस्टेंस घटाने हेतु


3. कनेक्शन के चरण

  1. सप्लाई कनेक्शन

    • +V को L टर्मिनल से जोड़ें।

    • –V (नेगेटिव) को मोटर के दूसरे छोर से डायरेक्ट जोड़ें।

  2. स्टार्टर से मोटर कनेक्शन

    • F टर्मिनल से निकलने वाली वायर्डिंग सीरीज में पहले फ़ील्ड कॉइल और फिर आर्मेचर कॉइल से होकर –V से जुड़ जाती है।

    • इस प्रकार फ़ील्ड और आर्मेचर में बाहरी रेजिस्टेंस भी सीरीज में आता है।

  3. स्टार्ट प्रोसेस

    • हैंडल को OFF से FIRST STUD तक ले जाएँ: अधिकतम रेजिस्टेंस से आरंभिक करंट नियंत्रित होता है।

    • क्रमिक रूप से हैंडल को आगे घुमाएँ; प्रत्येक स्टड पर रेजिस्टेंस घटता जाता है, जिससे मोटर की गति बढ़ती है।

    • जब हैंडल RUN पर पहुँचे, तो संपूर्ण बाहरी रेजिस्टेंस बाईपास हो जाती है, और NVC हैंडल को लॉक कर लेता है।

  4. सुरक्षा एवं रिलीज़

    • यदि लोड अचानक कम होने पर मोटर का करंट घटता है, तो NVC डीमैग्नेट होकर हैंडल को वापस OFF में खींचता है, जिससे मोटर ओवरस्पीड से बचती है।

    • ओवरलोड पर ओवरलोड रिलीज़ सर्किट खोलकर मोटर को सुरक्षित रखता है।


4. ध्यान देने योग्य बातें

  • सभी कनेक्शनों को टाइट रखें; ढीले संपर्क उच्च वोल्टेज ड्रॉप व गर्मी का कारण बन सकते हैं।

  • रेजिस्टेंस रेटिंग मोटर के स्टार्टिंग करंट के अनुकूल होनी चाहिए।

  • NVC तथा ओवरलोड रिलीज़ की कार्यप्रणाली अचूक जांचें।


इस विधि से DC सीरीज मोटर सुरक्षित एवं नियंत्रित रूप से स्टार्ट होती है, जिससे मोटर और पावर सप्लाई दोनों सुरक्षित रहते हैं।

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