अभ्यास :- 6.0

दुर्घटनाग्रस्त  व्यक्ति के लिए बचाव व कृत्रिम श्वसन प्रक्रिया का अभ्यास करना। 

आवश्यक सामग्री :- 

                                     दस्ताने , रबर मेट , साफ कपड़ा , कृत्रिम स्वसन यंत्र आदि । 

कार्यविधि :- 

                      दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को कृत्रिम स्वसन देने की निम्न विधियाँ है।

 

 शेफर विधि -  इस विधि में, पीड़ित को पेट के बल लिटाया जाता है, एक हाथ सिर के ऊपर की ओर और दूसरा हाथ कोहनी से मोड़ा हुआ होता है । चेहरा बाहर की ओर मुड़ा होता है और अग्रबाहु पर टिका होता है। इस स्थिति में, नाक और मुँह साँस लेने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

  • उक्त प्रक्रिया को एक मिनट में 10-12 बार तब तक दोहराएं जब तक पीड़ित स्वयं स्वांस ना लेने लग जाये |





सिल्वेस्टर विधि:
रोगी को पीठ के बल लिटाया जाता है, तथा उसकी भुजाओं को सिर के ऊपर खींचा जाता है, जिससे श्वास अंदर आती है, तथा फिर छाती पर दबाव डालकर श्वास बाहर निकलती है।

प्रक्रिया को एक मिनट में 10-12 बार तब तक दोहराएं जब तक पीड़ित स्वयं स्वांस ना लेने लग जाये |


मुहं से मुहं अथवा लाबोर्ड विधि- पीड़ित की पसलियां या सीने की कोई हड्डी टूटने की स्थिति में कृत्रिम श्वसन प्रक्रिया की मुहं से मुहं अथवा लाबोर्ड विधि ही सर्वोत्तम विधि है | इस विधि में पीड़ित के मुहं में से हवा देने पर उसके फेंफडों में हवा जाती है तथा मुहं हटा लेने पर फेंफडों की हवा बाहर निकल जाती है | यह सबसे अधिक प्रचलित तथा प्रभावशाली विधि है | 
  • प्रक्रिया को एक मिनट में 10-12 बार तब तक दोहराएं जब तक पीड़ित स्वयं स्वांस ना लेने लग जाये |

Artificia






कृत्रिम श्वसन प्रक्रिया की इस कृत्रिम श्वसन यंत्र :-विधि में पीड़ित को पीठ के बल लिटाकर कृत्रिम श्वसन यंत्र

 द्वारा स्वांस दी जाती है | यह बहुत आसान विधि है |


सुरक्षा सावधानियाँ :- 1)पीढ़ित को साफ हवादार स्थान पर लकड़ी के टेबल या रबर की चटाई पर लेटाए । 
    2) पीड़ित के चोट का अवलोकन करके ही सही स्वसन विधि अपनाए । 


l respiration process


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