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                                  मात्रक   * मात्राओं को व्यक्त करने के लिए एक वैश्विक मानक प्रणाली है जिनका उपयोग  विज्ञान, इंजीनियरिंग और व्यापार में व्यापक रूप से किया जाता है।  SI मात्रक :- अंतर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली  (International System of Units), माप की एक सुसंगत प्रणाली है जिसमें सात मूल इकाइयाँ शामिल हैं।                SI की मूल इकाइयाँ: SI प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ हैं, और इन्हें ही SI मात्रक के नाम से जाना जाता है:   मीटर (m) :   लंबाई की इकाई। किलोग्राम (kg) :   द्रव्यमान की इकाई। सेकंड (s) :   समय की इकाई। एम्पीयर (A) :   विद्युत प्रवाह की इकाई। केल्विन (K) :   ऊष्मागतिक तापमान की इकाई। मोल (mol) :   पदार्थ की मात्रा की इकाई। कैंडेला (cd) :   चमकदार तीव्रता की इकाई।      SI प्रणाली में दो पूरक मात्रक  रेडियन (radian) जिसका उपयोग समतल कोण  और स्टेरेडियन (st...
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3‑पॉइंट स्टार्टर   DC शंट मोटर का 3‑पॉइंट स्टार्टर के साथ कनेक्शन – हिंदी नोट्स 1. परिचय DC शंट मोटर की स्टार्टिंग पर आर्मेचर में बैक EMF न होने के कारण करंट बहुत अधिक खींचती है। इसे नियंत्रित करने के लिए 3‑पॉइंट स्टार्टर में क्रमिक रेजिस्टेंस लगाई जाती है, जो सुरक्षात्मक नियंत्रण प्रदान करती है। 2. मुख्य टर्मिनल्स और अवयव टर्मिनल कनेक्शन L +V (DC पॉजिटिव सप्लाई) F फ़ील्ड (Field) विंडिंग का एक सिरा A आर्मेचर (Armature) का एक सिरा स्टार्टर के अवयव: स्टार्टिंग रेजिस्टेंस (क्रमिक सेक्शन) नो-वोल्टेज कॉइल (NVC) ओवरलोड रिलीज़ स्टार्टर हैंडल एवं स्टड्स 3. कनेक्शन चरणबद्ध विधि सप्लाई इनपुट पॉजिटिव (+V) को स्टार्टर के L टर्मिनल से जोड़ें। नेगेटिव (–V) सीधा मोटर के दूसरे छोर से कनेक्ट करें। फ़ील्ड विंडिंग मोटर की फ़ील्ड कॉइल का एक सिरा F टर्मिनल पर लगाएँ। दूसरा सिरा –V से जोड़ें। आर्मेचर वाइंडिंग मोटर के आर्मेचर का एक सिरा A टर्मिनल से कनेक्ट करें। दूसरा सिरा –V से जोड़ दें। स्टार्टर ऑपरेशन हैंडल को OFF से क...
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2‑Point Starter DC सीरीज मोटर को स्टार्टर्स से कनेक्शन कैसे करें नीचे दिया गया चित्र एक दो‑पॉइंट (2‑Point) स्टार्टर में DC सीरीज मोटर के कनेक्शन को दर्शाता है। 1. परिचय DC सीरीज मोटर में फ़ील्ड विंडिंग और आर्मेचर एक ही धाराएँ में जुड़े होते हैं। जब मोटर स्टार्ट होती है, तो न्यून चुम्बकीय प्रत्यावर्ती प्रतिक्रिया के कारण आरंभिक करंट अत्यधिक बढ़ जाता है। इसे सीमित करने हेतु स्टार्टिंग रेजिस्टेंस स्टार्टर में सीरीज में डाली जाती है। 2. दो‑पॉइंट स्टार्टर (2‑Point Starter) टर्मिनल्स: L (Line): पॉजिटिव स्रोत से इनकमिंग लीड F (Field): सीरीज में जुड़े फ़ील्ड+आर्मेचर कंबाइंड लीड मुख्य अवयव: कई चरणों में विभाजित स्टार्टिंग रेजिस्टेंस नो-वोल्टेज कॉयल (NVC)  — आपूर्ति कटने पर हैंडल को OFF में खींच लेता है ओवरलोड रिलीज़  — अधिक करंट पर सर्किट को ट्रिप करता है स्टार्टर हैंडल  — OFF से RUN तक रेजिस्टेंस घटाने हेतु 3. कनेक्शन के चरण सप्लाई कनेक्शन +V को L टर्मिनल से जोड़ें। –V (नेगेटिव) को मोटर के दूसरे छोर से डायरेक्ट जोड़ें। स्ट...
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  DC मोटर के प्रकार, संरचना एवं अनुप्रयोग – संक्षिप्त नोट 1. DC मोटर के प्रमुख प्रकार सीरीज DC मोटर फील्ड विन्डिंग आर्मेचर के श्रृंखला (Series) में जुड़ी होती है। उच्च प्रारंभिक टॉर्क, गति–टॉर्क वक्र गिरता हुआ। क्रेन, होइस्ट, ट्रेन ट्रैक्शन में प्रयोग। शंट DC मोटर फील्ड विन्डिंग आर्मेचर के समांतर (Shunt) में जुड़ी होती है। लगभग नियत गति, वार्षिक टॉर्क–गति लचीलापन। वर्कबेंच मशीन (lathe), ब्लोअर, पंखों में उपयोगी। कंपाउंड DC मोटर फील्ड विन्डिंग में श्रृंखला एवं समांतर दोनों कनेक्शन। समानविन्यास (Cumulative) : श्रृंखला व शंट फ्लक्स एक-दूसरे को बढ़ाते हैं – मध्यम गति नियंत्रण एवं टॉर्क। विरोधविन्यास (Differential) : श्रृंखला व शंट फ्लक्स विपरीत दिशा में – स्थिर गति पर नियंत्रण। बड़ी मशीनरी जहाँ दोनों गुणों का संतुलन चाहिए। स्थायी चुम्बक DC मोटर (PMDC) फील्ड के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेट की बजाय स्थायी चुम्बक । सरल, कॉम्पैक्ट, उच्च दक्षता। खिलौने, रोबोटिक्स, पोर्टेबल उपकरणों में। 2. संरचना (Construction – मुख्य अवयव) योक (...
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  DC मशीन – संक्षिप्त नोट्स 1. परिचय DC मशीन (Direct Current Machine) वह विद्युत मशीन है जो Direct current (DC) को यांत्रिक ऊर्जा में या यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है। जब इसे मोटर की तरह चलाया जाता है तो यह विद्युत से यांत्रिक क्रिया करती है और जनरेटर की तरह चलाने पर यांत्रिक से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करती है। 2. निर्माण (Construction) योक (Yoke) बाहरी आवरण और संरचनात्मक समर्थन। चुम्बकीय परिकल्पना का भाग, कम रि़लेक्टेंस का मार्ग प्रदान करता है। पोल कोर एवं पोल शू (Pole Core & Pole Shoe) पोल कोर पर फील्ड विंडिंग होती है। पोल शू चुम्बकीय फ्लक्स को आर्मेचर कोर तक विस्तृत क्षेत्र में प्रवाहित करता है। फील्ड विंडिंग (Field Winding) पोल कोर पर लिपटी कॉपर विंडिंग, जो उत्तेजक चुम्बक के रूप में कार्य करती है। आर्मेचर कोर (Armature Core) लैमिनेटेड लौह सिलेंडर, जिसमें आर्मेचर विंडिंग होती है। आर्मेचर विंडिंग (Armature Winding) कम्यूटेटर के माध्यम से ब्रश से जुड़ी कॉपर कॉइलें। कम्यूटेटर (Commutator) और ब्रश (Brushes)...
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  अध्ययन सामग्री :-  सुरक्षा संकेतों पर अध्ययन उद्देश्य: इस अध्ययन मार्गदर्शिका का उद्देश्य कार्यशाला में सुरक्षा संकेतों और उनसे जुड़े खतरों की पहचान करने की आपकी समझ की समीक्षा करना है। सारांश समीक्षा कार्यशाला में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के सुरक्षा संकेतों को पहचानना और समझना महत्वपूर्ण है। इन संकेतों को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, प्रत्येक का एक विशिष्ट आकार, रंग योजना और उद्देश्य होता है। 1) निषेधात्मक संकेत: ये संकेत किसी कार्य की मनाही दर्शाते हैं। वे वृत्त के आकार के होते हैं, जिनमें लाल रंग का बॉर्डर और क्रॉस बार होता है, सफेद पृष्ठभूमि पर काले रंग के संकेत चिह्न बने होते हैं। उदाहरणों में "धूम्रपान न करें" या "दौड़ें नहीं" शामिल हैं। 2) अनिवार्य संकेत: ये संकेत किसी कार्य की अनिवार्यता को दर्शाते हैं। वे वृत्त के आकार के होते हैं, नीली पृष्ठभूमि पर सफेद संकेतों द्वारा दर्शाए जाते हैं। उदाहरणों में "सिर की सुरक्षा पहनें," "आंखों की सुरक्षा पहनें," या "हाथों की सुरक्षा पहनें" शामि...
    अध्ययन गाइड :  संस्था और विद्युतीक कार्यशाला अध्ययन सामग्री की समीक्षा यह दस्तावेज़ एक अभ्यास का विवरण प्रदान करता है जिसका उद्देश्य एक संस्था के विभिन्न विभागों और विशेष रूप से विद्युतीक कार्यशाला का अवलोकन करना है। अभ्यास में निम्नलिखित चरण शामिल हैं: 1.      प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करना:   संस्था के विभिन्न विभागों के बारे में अनुदेशक (शिक्षक) से जानकारी प्राप्त करना। 2.      विभागों का दौरा:   संस्था के विभिन्न विभागों का बारी-बारी से दौरा करना ,  उनके कार्य को जानना और समझना। दस्तावेज़ में सूचीबद्ध विभाग हैं: प्राचार्य कार्यालय ,  स्टाफ रूम ,  स्टोर रूम ,  लाइब्रेरी ,  कंप्यूटर लैब ,  क्लास रूम ,  कार्यशाला ,  स्मार्ट क्लास इत्यादि। 3.      मानचित्र बनाना:   संस्था के विभिन्न भागों का एक मानचित्र बनाना। 4.      सावधानियां:   अभ्यास करते समय बरती जाने   वाली सावधानियां बताई गई हैं ,  जिनमें शामिल हैं: ·  ...